संस्था के शिल्पकार

“जिन्होंने स्वप्न देखा, उसे दिशा दी, और अपने हाथों से आकार दिया।”

गढ़देशीय भ्रातृ मंडल की भव्य संरचना किसी एक दिन की उपज नहीं, बल्कि यह उन सच्चे स्वप्नदृष्टाओं, कर्मशील सेवाभावियों और उत्तराखंड प्रेमियों की वर्षों की तपस्या का परिणाम है — जिन्हें हम “संस्था के शिल्पकार” कहते हैं।

यह पृष्ठ समर्पित है उन मूल स्तंभों को, जिनके अथक प्रयास, दूरदृष्टि और अदम्य निष्ठा ने इस संगठन को जन्म दिया, संजोया और आज एक विशाल सामाजिक परिवार का रूप दिया।

कौन हैं ये शिल्पकार?

वे जिन्होंने दिल्ली की आपाधापी में भी उत्तराखंड की संस्कृति, एकता और पहचान को जीवित रखने का संकल्प लिया।
वे जिन्होंने बिना किसी लालसा के, सिर्फ उत्तराखंडी समाज के उत्थान के लिए संस्था की नींव डाली।
वे जिन्होंने अपने संसाधनों, समय और ऊर्जा को एक पवित्र उत्तरदायित्व मानकर समर्पित किया।
इनका जीवन और कार्य भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा की ज्योति है — जो बताता है कि जब भावना सच्ची हो, तो संस्था सिर्फ संगठन नहीं, एक परिवार और परंपरा बन जाती है।

ये शिल्पकार संस्था की आत्मा हैं —जिनके विचारों ने हमें रास्ता दिखाया, –और जिनकी मेहनत ने हमें पहचान दी।