“संस्था के स्तंभ” – हमारे पदाधिकारी
“नेतृत्व जो केवल पद नहीं, सेवा का व्रत है।”
गढ़देशीय भ्रातृ मंडल की बुनियाद केवल ईंट-पत्थरों से नहीं, बल्कि उन कर्तव्यनिष्ठ पदाधिकारियों की भावना, सोच और समर्पण से बनी है, जिन्होंने संस्था को दिशा दी, संस्कृति को संजोया और समाज को जोड़े रखने का सतत प्रयास किया।
यह पृष्ठ समर्पित है हमारे वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों को — जो पहाड़ की मिट्टी की सोंधी महक, लोकजीवन की सरलता, और उत्तराखंड की परंपराओं के सच्चे वाहक हैं।
हमारे पदाधिकारी सेवा और संस्कृति के सच्चे प्रहरी हैं जिनके नेतृत्व में लोकसंस्कार, उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत झलकता है।
हर पर्व, हर आयोजन में ये पदाधिकारी सबसे पहले और सबसे पीछे खड़े नजर आते हैं — अगुवाई भी करते हैं, और पीछे से सहारा भी देते हैं। उत्तराखंड की लोकशैली, लोकभाषा, और पारंपरिक मूल्यों को हमारे मजबूत स्तम्भों ने दिल्ली में भी जीवित रखा। हर एक ने अपने कार्यकाल में संस्था को सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आयामों में आगे बढ़ाया। इनके निर्णयों और समर्पण में छुपा है — उत्तराखंडी एकता, उत्सव, और उन्नति का सूत्र।