सदस्यता | Membership
अपनी विरासत से जुड़िए, संस्कृति को संजोइए, और समाज के पुनर्निर्माण में सहभागी बनिए।
गढ़देशीय भ्रातृ मंडल में सदस्यता लेना मात्र एक औपचारिकता नहीं है, यह एक भावनात्मक बंधन है — उस पर्वतीय मिट्टी से, जिसने हमें हमारी पहचान दी।
यह सदस्यता उस परंपरा से जुड़ाव है जो देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक गरिमा, धार्मिक आस्था, और सामूहिक चेतना की ध्वजा को दिल्ली की धरती पर फहराती है।
क्यों जुड़ें गढ़देशीय भ्रातृ मंडल से?
- 1पर्वतीय जड़ों से जुड़े रहने के लिए — जहाँ आपकी भाषा, बोली, रीति-नीति, और भावनाएं समझी जाती हैं।
- 2पधार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भागीदारी के लिए — नंदा देवी पूजन, जागर, होली-मिलन, लोक नृत्य, और त्योहारों में हाड़ की आत्मा को फिर से जीने का अवसर।
- 3समाज सेवा और सहयोग का अवसर के लिए — जब किसी उत्तराखंडी भाई/बहन को ज़रूरत होती है, संस्था एक परिवार की तरह खड़ी रहती है।
- 4नई पीढ़ी को उत्तराखंड से जोड़ने का माध्यम बनने के लिए — बच्चों और युवाओं के लिए सांस्कृतिक, शैक्षणिक, और मार्गदर्शक कार्यक्रमों का हिस्सा बनने का मौका।
कौन बन सकता है सदस्य?
सदस्यता कैसे लें?
- 1वेबसाइट पर दिए गए ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से आवेदन करें।
- 2अथवा संस्था के भवन या कार्यक्रमों में उपस्थित होकर सदस्य पंजीकरण फॉर्म भरें।
- 3एक छोटा सा योगदान शुल्क, और एक बड़ा परिवार – आपके स्वागत के लिए तैयार है।
आज ही सदस्य बनें और उत्तराखंड की गरिमा को साथ मिलकर आगे बढ़ाएं।
आज ही सदस्य बनें और उत्तराखंड की गरिमा को साथ मिलकर आगे बढ़ाएं।